आरबीआई का हो गया फैसला, रेपो रेट में 9वीं बार भी नहीं हुआ बदलाव, नहीं कम होगी लोन की ईएमआई
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए अपनी अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट को पहले की तरह 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. बता दें, लगातार 9वीं बार है जब मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट को यथावत रखने का फैसला किया गया है. आखिरी बार रेपो रेट में फरवरी 2023 में बदलाव किया गया था. बीते 25 साल में ये दूसरी बार है जब केंद्रीय बैंक ने इतने लंबे समय तक रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा है.
आरबीआई के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर होगा, जो बैंक से होम लोन या कार लोन इत्यादि लेते हैं. देश में सभी वाणिज्यिक बैंक लोन की ईएमआई तय करते वक्त रेपो रेट के आधार पर ही ब्याज दर तय करते हैं. ऐसे में रेपो रेट नहीं बदलने से लोगों की ईएमआई अब पहले जैसी बनी रहेगी. मौद्रिक नीति समिति की बैठक 6 से 8 अगस्त के बीच हुई. बैठक के आखिरी दिन 6 सदस्यीय समिति ने 4-2 के बहुमत से रेपो रेट को नहीं बदलने का निर्णय लिया. इसी के साथ केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति को लेकर अपने रुख को नरम को वापस लेने की बात भी कही है. इसी के साथ बैंकों के लिए स्टैंडर्ड डिपॉजिट फैसिलिटी रेट (एसडीएफ) को 6.25%, मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) को 6.75 प्रतिशत पर रखने का फैसला किया गया है.
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की ये 50वीं बैठक थी. इसके फैसलों की जानकारी देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि समिति का मत है कि महंगाई को 4 प्रतिशत के दायरे में लाने पर फोकस बनाए रखने की जरूरत है. इसलिए मौद्रिक नीति में किसी भी बदलाव से पहले महंगाई को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि फूड इंफ्लेशन अभी भी चिंता का विषय है. हालांकि महंगाई के स्तर में लगातार गिरावट का रुख देखा जा रहा है. चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मुख्य महंगाई दर नीचे आ सकती है.
अगस्त की मौद्रिक नीति में केंद्रीय बैंक ने अनुमान जताया है चालू वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई दर 4.5% रह सकती है. जबकि जुलाई-सितंबर तिमाही में ये 4.4% , अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 4.7% और जनवरी-मार्च 2025 में ये 4.3% रह सकती है. आरबीआई का ये अनुमान उसके जून के अनुमान से अलग है. जून की मौद्रिक नीति में दूसरी तिमाही में महंगाई दर 3.8%, तीसरी तिमाही में 4.6% और चौथी तिमाही में 4.5% रहने का अनुमान जताया गया था. इसके अलावा वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर के 4.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.
गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश रीयल जीडीपी इकोनॉमिक ग्रोथ 7.2% रहने का अनुमान है. ये पहली तिमाही में 7.2%, दूसरी तिमाही में 7.2%, तीसरी तिमाही में 7.3% और चौथी तिमाही में 7.2% रहने का अनुमान है. जून की मौद्रिक नीति में केंद्रीय बैंक ने 2024-25 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7% रहने का अनुमान जताया था. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भी रियल जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.