शिक्षा: उच्च शिक्षा का 8 फीसदी बढ़ा, यूजीसी के लिए भी 9 फीसदी ज्यादा बजट का प्रावधान
नई दिल्ली। यूजीसी का बजट पिछले वित्तीय वर्ष के 17,473 करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 19,024 करोड़ रुपये हो गया है। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने कहा, इसमें नौ फीसदी की वृद्धि की गई है। उच्च शिक्षा के कुल बजट में करीब आठ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के तीन नए केंद्र बनाने के लिए 255 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। स्कूली शिक्षा के बजट में इस बार 19.56 फीसदी और बढ़ोतरी हुई है। स्कूली शिक्षा के लिए वर्ष 2023-24 की तुलना में इस वर्ष 12,024 करोड़ रुपये अधिक मिले हैं। स्कूली शिक्षा को 73,498 करोड़ रुपये और उच्च शिक्षा के लिए 47,619 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।
आईआईटी के बजट में 841 करोड़, डीम्ड यूनिवर्सिटी में 96 करोड़, एनआईटी को 219.40 करोड़,आईआईएसईआर को 78 करोड़, आईआईएससी को 63.37 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, इंस्टीट्यूट ऑफ ऐमिनेंस के बजट में 300 करोड़, राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना में 600 करोड़, मल्टी डिस्पिलनरी एजुकेशन एंड रिसर्च इंप्रूवमेंट इन टेक्निकल एजुकेशन के लिए 100 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 200 करोड़ रुपये मिले हैं।
पिछले साल की तुलना में समग्र शिक्षा में 4,500 करोड़, पीएम पोषण में 2,467 करोड़, पीएम श्री योजना में 3,250 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय विद्यालय को 802 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 9,302 करोड़ और नवोदय विद्यालय समिति को 330 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,800 करोड़ रुपये मिले हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के तीन नए सेंटर बनाने के लिए 255 करोड़ रुपये का प्रावधान। राष्ट्रीय डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए पहली बार 100 करोड़ रुपये का हुआ आवंटन। नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के लिए 5 करोड़ आवंटित। अब भारत के सरकारी कर्मचारियों को विदेश में प्रशिक्षण प्राप्त करने में परेशानी नहीं आएगी। इसके लिए 309.74 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह आवंटन चालू वित्त वर्ष के लिए कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के लिए निर्धारित 2,328.56 करोड़ रुपये के तहत है।
कुल 309.74 करोड़ रुपये में से 103.05 रुपये प्रशिक्षण प्रभाग, सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान (आईएसटीएम) और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) के लिए हैं। वहीं, प्रशिक्षण योजनाओं के लिए 120.56 रुपये और सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम या मिशन कर्मयोगी के लिए 86.13 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
कार्मिक मंत्रालय के अधीन प्रशिक्षण प्रभाग, दिल्ली में आईएसटीएम और मसूरी स्थित एलबीएसएनएए फाउंडेशन कोर्स, पुनश्चर्या पाठ्यक्रम, मध्य-कॅरियर प्रशिक्षण आदि सहित कई कार्यक्रमों की व्यवस्था करते हैं, ताकि सचिवालय के पदाधिकारियों के सभी स्तरों/ग्रेडों को नवीनतम नियम और विनियम, योग्यता आदि का पर्याप्त अनुभव मुहैया कराया जा सके। सबसे बड़ी नौकरशाही सुधार पहल कहे जाने वाले मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को अधिक रचनात्मक, सक्रिय, पेशेवर और तकनीक सक्षम बनाना है ।