क्या आतिशी करेगी कैबिनेट में बदलाव या वही चेहरे होंगे रिपीट ? जाने क्या बन रहे समीकरण
नई दिल्ली । अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंप दिया. आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी. आम आदमी पार्टी के विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी. आतिशी ने राष्ट्रीय राजधानी में अगली सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. उन्होंने उपराज्यपाल को विधायकों का समर्थन पत्र सौंपकर नई सरकार के शपथ ग्रहण के लिए समय मांगा. एलजी ने आतिशी का प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेज दिया है और उनकी मंजूरी मिलने के बाद नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा. इसमें एक से दो दिन का समय लग सकता है.
आतिशी सीएम बनने के बाद कैबिनेट में भी करेंगी बदलाव?
आतिशी को मुख्यमंत्री बनने के साथ ही नए सिरे से कैबिनेट का भी गठन करना होगा. अब सवाल उठता है कि क्या अरविंद केजरीवाल के कैबिनेट को ही रिपीट करेंगी या नए चेहरों को मौका देंगी? दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब पांच महीने का वक्त बचा है. निर्वाचन आयोग की ओर से किसी भी वक्त चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है और इसके साथ आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी. इन तथ्यों को ध्यान में रखें तो नए मंत्रिमंडल के पास अपने विभागों के तहत कामकाज करने के लिए बमुश्किल तीन महीने का समय बचा है. इस कारण संभावना ज्यादा है कि आतिशी पुरानी कैबिनेट को रिपीट करें.
क्योंकि अगर पूरी कैबिनेट को बदला जाता है, तो नए मंत्रियों के पास कामकाज करने के लिए समय नहीं होगा. एक डेढ़ महीना तो उन्हें अपने विभागों के बारे में जानने-समझने में ही निकल जाएंगे. तो फिर वे काम कब करेंगे. कोई भी सरकार चुनाव से ठीक पहले अपने लिए इस तरह की स्थिति नहीं पैदा करना चाहेगी. चूंकि पुराने मंत्री अपने विभागों के कामकाज से अवगत हैं, इसलिए उन्हें बरकरार रखने की संभावना ज्यादा है. यह जरूर हो सकता है कि कुछ नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दी जाए. संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक दिल्ली में मुख्यमंत्री के अलावा अधिकतम 6 मंत्री हो सकते हैं.
कैबिनेट में शामिल होंगे कुलदीप कुमार या राखी बिड़लान?
फिलहाल 5 मंत्री हैं और कैबिनेट में एक सीट खाली है. राजकुमार आनंद ने इस साल अप्रैल में AAP की प्राथमिक सदस्यता और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें राजेंद्र पाल गौतम की जगह मंत्री बनाया गया था. गौतम को हिंदू देवी-देवताओं पर उनकी टिप्पणी के कारण उठे विवाद के बाद अक्टूबर 2022 में मंत्री पद से इस्तीफा दिलवाया गया था. राजकुमार आनंद और राजेंद्र पाल गौतम दोनों दलित चेहरे थे. ऐसे में AAP की कोशिश किसी दलित चेहरे को कैबिनेट में जगह देने की होगी. इस रेस में कोंडली विधायक कुलदीप कुमार और मंगोलपुरी विधायक राखी बिड़लान आगे नजर आती हैं. इन दोनों में से किसी एक को आतिशी अपनी कैबिनेट में शामिल कर सकती हैं.
दुर्गेश पाठक या दिलीप पांडेय को मिल सकता है मंत्री पद
इसके अलावा आतिशी के मुख्यमंत्री बनने से भी एक मंत्री पद खाली होगा. राजेंद्र नगर के विधायक दुर्गेश पाठक या तिमारपुर विधायक दिलीप पांडेय में से किसी एक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. दुर्गेश पाठक आम आदमी पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति (सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था) के सदस्य और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रभारी हैं. वहीं दिलीप पांडेय दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी के चीफ व्हिप हैं. दुर्गेश मूल रूप से यूपी के गोरखपुर के रहने वाले हैं, वहीं दिलीप यूपी के गाजीपुर के मूल निवासी हैं. दिल्ली में यूपी और बिहार, खारकर पूर्वांचल से आने वाले मतदाताओं की बहुत बड़ी संख्या है. उन्हें साधने के लिए इन दोनों नेताओं पर AAP दांव लगा सकती है.
अरविंद केजरीवाल की कैबिनेट इस प्रकार थी
1. गोपाल राय- विकास, सामान्य प्रशासन विभाग पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव विभाग के मंत्री.
2. इमरान हुसैन- खाद्य आपूर्ति, चुनाव का प्रभार
3. कैलाश गहलोत- कानून, न्याय और विधायी मामले, परिवहन, प्रशासनिक सुधार, सूचान प्रौद्योगिकी, राजस्व, वित्त, प्लानिंग, गृह और अन्य सभी विभाग जो विशेष रूप से किसी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए हैं.
4. सौरभ भारद्वाज- विजिलेंस, सर्विसेज, स्वास्थ्य, इंडस्ट्रीज, शहरी विकास, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, पानी
5. आतिशी- महिला बाल विकास, शिक्षा, पर्यटन, कला, संस्कृति और भाषा, लोक निर्माण विभाग, इलेक्ट्रिसिटी