भाजपा ने सदस्यता अभियान व लोकसभा चुनाव के नतीजों पर की माथापच्ची
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के नतीजे, पीएम मोदी के तीसरी बार पीएम बनने के बाद बीजेपी महासचिवों की बैठक हुई. इस पहली बैठक को गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में आयोजित किया गया. इसमें लोकसभा में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर गहन चर्चा की गई. साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले पायदान के तौर पर पार्टी की सदस्यता अभियान को लेकर चर्चा की गई.बीजेपी महासचिवों के साथ गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की बैठक में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने के तमाम मुद्दे पर भी चर्चा हुई.
बैठक में यूपी, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश भर के उन तमाम कारणों पर चर्चा हुई, जिसके चलते लोकसभा में प्रदर्शन खराब रहा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोकसभा की समीक्षा में बीजेपी के कार्यकर्ताओं का उदासीन रवैया पर गहन चर्चा की गई. साथ ही एक व्यवस्था बनाने पर विचार किया गया, जिसके तहत कार्यकर्ताओं की बातों की सुनवाई की जा सके. बैठक में बूथकर्मियों की उदासीन रवैया पर भी चर्चा की गई.बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि जनप्रतिनिधियों के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी को लेकर सीधे जनता के बीच से फीडबैक जरूरी है. साथ ही सोशल मीडिया को बढ़ावा देने की जरूरत पर बल दिया गया. चर्चा के दौरान निचले स्तर पर संगठन का कार्य प्रभावित करने वाले कारणों पर गहन चर्चा की गई.
संगठन पर सत्ता के नियंत्रण के मुद्दे पर भी चर्चा की गई. साथ ही इस मुद्दे पर भी चर्चा की गई कि प्रत्याशियों के चयन में स्थानीय कार्यकर्ताओं और नेताओं के फीडबैक को महत्ता देना जरूरी है.मिली जानकारी के मुताबिक चुनाव के दौरान प्रत्याशियों की भूमिका को लेकर भी चर्चा हुई. कई जगह प्रत्याशी सरकार के कामों को लेकर चुनाव के समय सही नैरेटिव सेट नहीं कर सके इसलिए मिडिल क्लास वोटबैंक पर इसका सीधा असर हुआ. जानकारी के मुताबिक बैठक में चुनाव के दौरान बाहरी कार्यकर्ताओं को भेजने से स्थानीय कार्यकर्ताओं और पार्टी के मतदाताओं पर पड़ने वाले असर को लेकर भी चर्चा की गई.
बैठक में चर्चा हुई कि बीजेपी की विस्तारक योजना बहुत देर से लागू किया गया. समय के अभाव में विस्तारकों को ठीक से काम करने का मौका नहीं मिला. बैठक में चर्चा की गई कि जल्दी ही बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में बुलाई जाएगी. मिली जानकारी के मुताबिक इसी महीने के आखिर में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जा सकती है. संसद के मानसून सत्र के दौरान ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की जा सकती है. संसद सत्र के दरमियान किसी शनिवार या रविवार (27/28 जुलाई या 3/4 अगस्त) को कार्यकारिणी की बैठक हो सकती है.
बीजेपी कार्यकारिणी बैठक के तुरंत बाद पार्टी सदस्यता अभियान शुरू कर देगी. यानी सदस्यता अभियान के जरिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी. परंपरा के मुताबिक व्यापक सदस्यता अभियान के बाद मंडल स्तर, फिर जिला स्तर और राज्य स्तर के अध्यक्षों का चुनाव किया जायेगा और कम से कम 50 फीसदी राज्यों में अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव होगा. हालांकि बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष की नियुक्ति पर बैठक में इस बात पर कोई चर्चा नहीं हुई. लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि बैठक इस बात को इंगित करता है कि भविष्य में शीघ्र ही बीजेपी को कार्यकारी अध्यक्ष मिल सकता है.