सुनवाई करते हुए सीजेआई ने की अहम टिप्पणी, नीट-यूजी का पेपर लीक 4 मई से पहले हुआ था

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विवादों से घिरी नीट-यूजी परीक्षा से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि इसके सामाजिक प्रभाव हैं। याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एनटीए ने पेपर लीक होने और वाट्सएप के जरिए लीक हुए प्रश्नपत्रों के प्रसार की बात स्वीकार की है।याचिकाकर्ताओं-छात्रों के वकील की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने कोर्ट को बताया कि बिहार पुलिस की जांच के बयानों में कहा गया है कि लीक 4 मई को हुआ था और संबंधित बैंकों में प्रश्नपत्र जमा करने से पहले हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ई-रिक्शा द्वारा प्रश्नपत्र ले जाना एक स्थापित तथ्य है, लेकिन छोटी सी बात यह है कि जो तस्वीर वितरित की गई थी, वह प्रश्नपत्र की नहीं बल्कि ओएमआर शीट की थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आरोपियों के बयान पढ़े। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आरोपियों के बयानों से संकेत मिलता है कि छात्र 4 मई की शाम को याद करने के लिए एकत्र हुए थे और इसका मतलब है कि नीट-यूजी 2024 का लीक 4 मई से पहले हुआ था।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालत को यह देखना होगा कि क्या लीक स्थानीय है और केवल हजारीबाग और पटना तक ही सीमित है या यह व्यापक और व्यवस्थित है। इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि एनटीए के अनुसार 24 अप्रैल को पेपर भेजे गए और 3 मई को पेपर बैंक में पहुंच गए। इसलिए 24 अप्रैल से 3 मई के बीच पेपर निजी खिलाड़ियों के हाथों में रहे।

याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि हरदयाल स्कूल झज्जर के प्रिंसिपल दोनों बैंकों (एसबीआई और केनरा बैंक) में गए और प्रश्नपत्र लिए। केनरा बैंक से पेपर उम्मीदवारों को वितरित किए गए, लेकिन एसबीआई के पेपर वितरित किए जाने थे, केनरा बैंक के नहीं। इस पर सीजेआई ने पूछा कि जब एसबीआई के पेपर वितरित किए जाने थे, तो झज्जर केंद्र प्रभारी केनरा बैंक कैसे गए और पेपर कैसे लाए?

कोर्ट मामले में 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। याचिकाओं में एनटीए की अर्जियां भी शामिल हैं। एनटीए ने विभिन्न हाइकोर्ट में उसके खिलाफ लंबित मामलों को सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की है। बता दें कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 पांच मई को आयोजित की गई थी। इससे पहले राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा के शहर और केंद्रवार परिणाम जारी किए थे।

एनटीए द्वारा जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं से कथित तौर पर लाभान्वित होने वाले उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हालांकि, कुछ केंद्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों की संख्या अधिक थी। यह डेटा 4,750 केंद्रों के 32 लाख से अधिक उम्मीदवारों का था।

शीर्ष अदालत ने 11 जुलाई को परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित गड़बड़ी की जांच की मांग वाली याचिकाओं सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी, क्योंकि कुछ पक्षों को केंद्र और एनटीए के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। शीर्ष अदालत ने आठ जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि नीट-यूजी 2024 की शुचिता का उल्लंघन किया गया है। पीठ ने कहा कि यदि पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है तो दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। यह परीक्षा पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी जिनमें 14 विदेशी शहर भी थे। इसमें 23.33 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।