बोटल में मिलने वाला मिनरल वॉटर हो सकता खतरनाक, FSSAI ने जारी की चेतावनी, जानें
नई दिल्ली । भारत सरकार के विभाग भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने अब पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वॉटर को हाई-रिस्क फूड आइटम के कैटेगरी में रखा है। यानी की अब इस आयटम के उत्पादों को बगैर टेस्ट किये मार्केट में लॉन्च नही किया जा सकता है, और उत्पाद का लेखा-जोखा करना भी अनिवार्य होगा।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वाटर को ‘हाई-रिस्क फूड कैटेगरी’ के रूप में रखने का निर्णय लिया है । इसका सीधा मतलब यह है कि अब इन उत्पादों का अनिवार्य निरीक्षण और परिक्षण किया जाएगा। यह केंद्र सरकार ने अक्टूबर में इन उत्पादों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से प्रमाणिकरण को जरुरत के हिसाब से हटाये जाने के निर्णय के बाद से किया गया है।
हाई-रिस्क फूड कैटेगरी के लिए अनिवार्य निरीक्षण
भारत सरकार के नए फैसले से कई नियमों में बदलाव की गुंजाइश होती है। इस बीच नए नियम के तहत, सभी पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वाटर बनाने वाली कंपनी या कंपनी के मालिकों को अब हर साल के निरिक्षण और परिक्षण के चलते विभिन्न समस्याओं से निपटना होगा जांच हेतू टेस्ट आधारित मानकों का सामना करना पड़ेगा। ये निरीक्षण लाइसेंस या पंजीकरण दिए जाने से पहले किए जाएंगे। यह इसलिए किया गया है क्योंकि, हाई-रिस्क कैटेगरी में आने वाले उत्पादों के लिए सख्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करता है।
थर्ट पार्टी को वार्षिक ऑडिट कराना होगा
FSSAI ने अपने आदेश में कहा है कि, पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर सहित उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों के व्यवसायों को FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त थर्ट पार्टी को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा वार्षिक ऑडिट से गुजरना होगा। FSSAI का उद्देश्य मात्र ये है किे, उपभोक्ताओं के लिए इन उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों में सुधार करना है।
उद्योग के लिए नियमों का पालन अनिवार्य रुप से करना होगा
उद्योगों के लिए विभाग ने इससे पहले, पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर उद्योग ने नियमों में सरल और कानूनी बाधा ने बने इसके लिए सरकार से विनियमों की मांग की थी। जिसमें BIS और FSSAI दोनों से दोहरे प्रमाणन आवश्यकताओं को हटाने का अनुरोध किया गया था। एक्सपर्ट का मानना है कि नए नियम अनुपालन प्रक्रियाओं को आसान करने और निर्माताओं पर बोझ कम करने में मदद करेंगे।