मैडम का अमेरिका में निवास है और भारत के सरकारी स्कूल में कर रही शिक्षिका की नौकरी

अहमदाबाद। आप भारतीय है तो विदेश में रही और नौकरी भारत में करिए, आपके बारे इस संबंध कोई जानने वाला नहीं है। वो भी तब आप सरकारी नौकरी कर रहे हों और साल भर में कभी नाम के लिए अपने संस्‍थान पहुंचते हों। गुजरात में सामने आया मामाल तो कुछ ऐसा ही बता रहा है। दरअसल, यह मामला बनासकांठा जिले की अंबाजी के पास के एक सरकारी स्कूल का है। यहां पर नौकरी करने वाली एक शिक्षिका अमेरिका में रहती हैं लेकिन वह स्कूल की शिक्षिका भी हैं। खास बात यह है कि वह सैलरी भी ले रही हैं। सवाल खड़ा हो रहा है क्या स्थानीय अधिकारियों की बिना मिलीभगत के यह संभव है।

जांच में सामने आया है कि उनकी जब इच्छा होती है तो वह दिवाली पर 10 महीने बाद आ जाती हैं और फिर 21 दिन की छुटि्टयां भी लेती हैं। अमेरिका में रहकर बनासकांठा जिले के अंबाजी स्थित स्कूल में पढ़ा रही शिक्षिका का फर्जीवाड़ा सामने आने पर सरकार में हड़कंप है। यह भी सामने आया है कि शिक्षिका दो महीने भारत में और 10 महीने यूएस में रहती हैं। पर अब तक ये सब धड़ल्‍ले से चल रहा था।

यह मामला बनासकांठा जिले की दांता तहसील में अंबाजी के पास पंचा प्राथमिक विद्यालय का है। स्कूल की शिक्षिका भावनाबेन पटेल पिछले आठ सालों से अमेरिका में रह रही हैं। वे कभी-कभी ही स्कूल में आती है। एक रिपोर्ट के अनुसार भावना पटेल के पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड भी है, फिर भी भारत के इस सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में उनका नाम दर्ज है। स्कूल बोर्ड पर नाम अंकित है। आरोप है कि इस संबंध में कई बार ज्ञापन देने के बाद भी अधिकारियों की ओर से कोई सुनवाई नहीं हुई है। स्कूल के प्रभारी शिक्षक का कहना है कि यह शिक्षक साल में एक बार दिवाली के समय आती हैं। दिवाली की छुट्टियों का वेतन भी निर्धारित करती हैं।

स्कूल की शिक्षिका पारूलबेन के अनुसार भावना बेन पटेल को स्कूल को बच्चों ने दो साल पहले देखा था। वे जिस क्लास की मुख्य अध्यापिका हैं। उस क्लास के बच्चे अब पांचवी कक्षा में पहुंच चुके हैं। वे लंबे समय से अनुपस्थित चल रही हैं। पारूल बेन ने कहा कि वर्तमान में उनके पास पांचवी क्लास की जिम्मेदारी है। शिक्षिका भावनाबेन पटेल के लंबे समय से अमेरिका में होने के बाद भी नौकरी जारी रहने पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि नौकरी कैसे जारी रही। सवाल यह भी है कि क्या इस स्कूल में कभी निरीक्षण नहीं होता या फिर भावनाबेन पटेल के अधिकारियों से भी संबंध हैं। इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हुई। राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने इस खुलासे पर अभी कोई प्रतिक्रया नहीं दी है।

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