विपक्ष की धनखड़ के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी

नई दिल्‍ली. विपक्षी दल राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 67 के तहत महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं. पर आधिकारिक घोषणा किसी ने नहीं की है. सभापति को हटाने के प्रस्ताव पर भले ही जरूरी 50 के बजाय 87 इंडिया ब्लॉक सांसद दस्तखत कर चुके हैं. लेकिन विपक्ष इस प्रस्ताव को सबमिट करने से पहले बातचीत से बीच का रास्ता निकल जाए, आपसी मतभेद दूर हो जाएं के लिए प्रयास कर रहा है.

विपक्ष इस रणनीति पर आगे बढ़ने का मन बना चुका है. विपक्ष को एहसास है कि नम्बर गेम में वो पीछे है, लेकिन बड़ी बात इतिहास में काला अध्याय दर्ज होने की है. इसलिए अगर सत्ता पक्ष और चेयर से बीच का रास्ता निकलने की गुंजाइश है, तो विपक्ष तैयार है. बता दें कि राज्यसभा के सभापति को उनके पद से तभी हटाया जा सकता है, जब उन्हें भारत के उपराष्ट्रपति के पद से हटाया जाए. सभापति को हटाने का प्रस्ताव केवल राज्यसभा में ही प्रस्तुत किया जा सकता है, लोकसभा में नहीं. साथ ही इसके लिए 14 दिन की अग्रिम सूचना देना भी आवश्यक है.

नियम के मुताबिक सभापति को हटाने का प्रस्ताव राज्यसभा में प्रभावी बहुमत (अर्थात रिक्त सीटों को छोड़कर राज्यसभा के तत्कालीन सदस्यों के बहुमत) से पारित होना चाहिए. साथ ही लोकसभा द्वारा साधारण बहुमत से उस पर सहमति होनी चाहिए. बता दें कि इंडिया ब्लॉक के 87 सांसद हैं, जिसमें 80 से ज़्यादा के दस्तखत हो गए हैं. 4-5 कांग्रेस के सांसद बाहर गए, उनके भी जल्दी हो जाएंगे. प्रस्ताव सबमिट करना है नहीं करना है या फिर कब करना है. इस पर अब तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है.कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इंडिया ब्लॉक के नेताओं से इस पर बात करेंगे. कब करेंगे इस पर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है.

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