प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, अगर मैं हिंदू-मुस्लिम करने लगूंगा तो सार्वजनिक जीवन के लायक नहीं रहूंगा

नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा है कि अगर वह हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेलना शुरू कर देंगे तो सार्वजनिक जीवन के लायक नहीं रहेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम नहीं करना उनका संकल्प है। बता ये बात उन्‍होंने एक चैनल को दिए इंटरव्‍यू में कही है। दरअसल पीएम मोदी लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के लिए वाराणसी आए थे। इसी यात्रा के दौरान विशेष साक्षात्कार दिया था। में पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए वाराणसी से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। वाराणसी में 1 जून को छठे चरण में मतदान होना है।

यह पूछे जाने पर कि क्या इस चुनाव में मुसलमान उन्हें वोट देंगे, प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि देश के लोग मुझे वोट देंगे। जिस दिन मैं हिंदू-मुस्लिम करने लगूंगा, मैं सार्वजनिक जीवन जीने के लायक नहीं रहूंगा। मैं हिंदू-मुस्लिम का बंटवारा नहीं करूंगा, यह मेरा संकल्प है। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे वे देश के हर व्यक्ति के साथ समान व्यवहार करेंगे, चाहे उनकी जाति या धर्म कुछ भी हो। अगर मैं एक घर देता हूं, तो मैं संतृप्ति, 100 प्रतिशत डिलीवरी की बात कर रहा हूं। इसका मतलब है मान लीजिए कि किसी गांव में 200 घर हैं, चाहे वह किसी भी समाज, जाति, धर्म से संबंधित हो। अगर उन 200 घरों में 60 लाख भारतीय हैं, तो उन 60 लाख लोगों को वह मिलना चाहिए जो सरकार दे रही है। और जब मैं 100 प्रतिशत संतृप्ति कहता हूं, तो इसका मतलब सच्चा सामाजिक न्याय है। यह सच्ची धर्मनिरपेक्षता है। तब भ्रष्टाचार की कोई संभावना नहीं रहती। भले ही आपको यह सोमवार को मिले, आपको यह ज़रूर मिलेगा, पीएम मोदी ने कहा।

जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने मुसलमानों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए क्यों कहा, तो प्रधानमंत्री ने कहा, मैं हैरान हूं। जब मैं लोगों के बहुत ज़्यादा बच्चे पैदा करने की बात करता हूं, तो लोग क्यों मान लेते हैं कि मैं मुसलमानों के बारे में बात कर रहा हूं? यहाँ तक कि गरीब हिंदू परिवारों में भी यह समस्या है। वे अपने बच्चों को उचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। मैंने न तो हिंदुओं का नाम लिया है और न ही मुसलमानों का। मैंने सिर्फ यह अपील की है कि जितने बच्चे पैदा कर सकें, उतने ही पैदा करें। ताकि उन्‍हें उचित शिक्षा, बेहतर जीवन दिया जा सके।