अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ाएं प्रकाशन, विकसित भारत की यात्रा में मीडिया की भूमिका अहम: पीएम मोदी
मुंबई। मीडिया को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वाभाविक भूमिका गंभीर मुद्दों पर चर्चा करके विमर्श पैदा करना है। अगले 25 वर्षों में विकसित भारत की यात्रा में समाचार पत्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है। जिस देश के नागरिक अपनी क्षमताओं पर विश्वास हासिल कर लेते हैं, वह सफलता की नई ऊंचाइयां हासिल करना शुरू कर देते हैं। आज भारत में भी यही हो रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रकाशनों से अपनी वैश्विक उपस्थिति बढ़ाने की अपील की।
पीएम मोदी ने शनिवार को मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी के सचिवालय, आईएनएस टावर्स का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आईएनएस ने न केवल भारत की यात्रा के उतार-चढ़ाव को देखा है, बल्कि उसे जिया भी है और लोगों तक पहुंचाया भी है। मीडिया राष्ट्रों की स्थिति का मूकदर्शक नहीं है, बल्कि उन्हें बदलने में प्रमुख भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी द्वारा किए गए प्रभावी कार्यों से देश को लाभ होगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने डिजिटल लेनदेन पर प्रकाश डाला और बताया कि किस तरह भारत डिजिटल लेनदेन में अग्रणी बन गया है। पीएम ने कहा कि एक समय था जब कुछ राजनेता कहा करते थे कि डिजिटल लेनदेन भारत के लिए नहीं है। उनकी पहले से धारणा थी कि आधुनिक तकनीक इस देश में काम नहीं कर सकती, लेकिन आज दुनिया भारतीयों की क्षमता देख रही है और देश डिजिटल लेनदेन में नए रिकॉर्ड बना रहा है। भारत के यूपीआई और आधुनिक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के कारण लोगों के जीवन में आसानी हुई है। उनके लिए दूसरे देशों में पैसा भेजना आसान हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण पर सरकार के फोकस पर प्रकाश डालते हुए कहा, यह एक मानवीय मुद्दा है। हाल ही में शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की दुनिया भर में चर्चा हो रही है। जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान वैश्विक नेताओं ने इस कार्यक्रम में गहरी दिलचस्पी दिखाई। मोदी ने स्वच्छ भारत या स्टार्टअप इंडिया जैसे आंदोलनों को राष्ट्रीय चर्चा का हिस्सा बनाने के लिए मीडिया की सराहना की। संविधान के प्रति नागरिकों के कर्तव्य की भावना और जागरूकता को बढ़ाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। इस दौरान पीएम ने संयुक्त राष्ट्र की सभी भाषाओं में भारतीय प्रकाशनों के विस्तार की कामना की। कहा कि इन प्रकाशनों की वेबसाइटें, माइक्रो-साइट या सोशल मीडिया अकाउंट उन भाषाओं में हो सकते हैं।