चीन का अल्टीमेटम, अमेरिका जापान न पकाए खयाली पुलाव, दखलंदाजी पड़ेगी भारी
बीजिंग। अमेरिका और जापान ने टोक्यो में दक्षिण चीन सागर में चीन की कार्रवाइयों के खिलाफ कई हमले किए तो बीजिंग ने सोमवार को इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने अमेरिका और जापान को चेतावनी दी है कि वे काल्पनिक दुश्मन बनाना बंद कर दें। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा है कि अमेरिका और जापान को चीन के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी देना बंद करना होगा।
रविवार को टोक्यो में हुए वार्ता के बाद अमेरिका और जापान ने दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की बढ़ती गतिविधियों की आलोचना की थी। साथ ही इन दोनों देशों ने चीन और उत्तर कोरिया के साथ रूस की बढ़ती नजदीकियों पर भी टिप्पणी की थी। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और जापान के अधिकारियों ने चीन के अवैध समुद्री दावों, इन क्षेत्रों में बढ़ते सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में उत्तेजक गतिविधियों पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है।
एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि चीन इस क्षेत्र में गतिविधियों के जरिए समुद्र और हवा में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने चीन पर पूर्वी चीन सागर में दबाव बनाकर स्थिति को बदलने का आरोप लगाया है। जापान ने कहा है कि चीनी विदेश नीति दूसरे देशों की कीमत पर खुद के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बदलने की कोशिश करता है।
चीन के सोमवार को कहा है कि वह इस बयान की निंदा करता है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह झूठ पर आधारित है और चीन की विदेश नीति में दखलअंदाजी देता है। उन्होंने कहा कि विज्ञप्ति चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करती है और यह चीन को बदनाम करने की साजिश है। लिन ने कहा, “चीन इसकी निंदा करता है और इसका हर तरह से विरोध करता है।