अजित पवार बोले, ‘CM पद का ऑफर मिला होता तो पूरी NCP साथ लाता’

मुंबई। जैसे-जैसे महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे है वैसे-वैसे नेताओं के छिपे बयान भी मीडिया में आने लगे हैं। अब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि अगर बीजेपी और शिवसेना ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की पेशकश की होती तो वह पूरी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को अपने साथ ले आते. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जीवनी “योद्धा कर्मयोगी-एकनाथ संभाजी शिंदे” के विमोचन के मौके पर बोलते हुए अजित पवार ने मजाकिया लहजे में कहा कि राजनीति में वह मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों से सीनियर हैं. इस दौरान एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस भी मौके पर मौजूद थे.

अजित पवार ने जुलाई 2023 में अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी थी और एनसीपी से अलग होकर बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे. अजित पवार ने कहा कि “सभी आगे बढ़ गए और मैं पीछे रह गया. मैंने कुछ लोगों से मजाक में कहा था कि जब आपने (बीजेपी की तरफ स्पष्ट इशारा करते हुए) एकनाथ शिंदे से कहा था कि वे इतने विधायकों के साथ आएं और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, तो आपको मुझसे पूछना चाहिए था, मैं पूरी पार्टी को साथ ले आता.”

सीएम शिंदे जैसा कोई नहीं- अजित पवार
अजित पवार ने कहा, “जीवन में जो कुछ भी होता है, वह नियति द्वारा तय होता है.” बता दें एकनाथ शिंदे ने 2022 में तत्कालीन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के खिलाफ 39 विधायकों के साथ बगावत का नेतृत्व किया और ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार गिर गई. इसके बाद शिंदे मुख्यमंत्री बने. अजित पवार ने कहा कि उन्होंने कई मुख्यमंत्री देखे हैं, लेकिन शिंदे जैसा कोई नहीं, जो हर वक्त लोगों से घिरे रहते हैं.

इस दौरान डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि वह खुद ऐसे व्यक्ति हैं, जो एक ही विधानसभा कार्यकाल (2019 से 2024 के बीच) के दौरान मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता और फिर उपमुख्यमंत्री बने. इसी तरह पवार भी इसी अवधि के दौरान उपमुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता और फिर उपमुख्यमंत्री बने.
सीएम शिंदे ने किया ये ऐलान
पत्रकारों से बात करते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने यकीन जताया कि पिछले दो साल में विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से उनकी सरकार विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता बरकरार रखेगी.
उन्होंने कहा कि “महायुति सरकार ने एक टीम के रूप में काम किया है, जिसमें विकास और कल्याणकारी योजनाओं दोनों को प्राथमिकता दी गई है. रक्षा बंधन से पहले ‘लड़की बहिन योजना’ के तहत राज्य भर में पात्र महिलाओं के खातों में धनराशि जमा की जाएगी.”

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