बीजेपी सांसद को मंत्री नहीं बनाया तो भड़ककर बोले लोगों ने कहा था कि ये दलित विरोधी पार्टी

बेंगलुरु। कर्नाटक से भाजपा सांसद, दलित नेता रमेश जिगाजिनागी ने पार्टी से नाराज हैं। मंत्री पद नहीं मिलने पर दलित नेता ने दावा किया है कि ज्यादातर केंद्रीय मंत्री ऊंची जातियों से हैं और दलितों को दरकिनार किया गया है। 72 साल के रमेश जिगाजिनागी 7 बार सांसद रहे हैं। सूबे के कद्दावर दलित नेताओं में गिने जाते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में विजयपुरा सीट से जीत दर्ज करने वाले जिगाजिनागी 2016 से 2019 तक राज्य मंत्री भी रहे हैं। बीजेपी में शामिल होने से पहले वह जनता पार्टी, जनता दल, लोक शक्ति और जनता दल यूनाइटेड में रह चुके हैं।

2024 के लोकसभा चुनावों के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह न बना पाने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए जिगाजिनागी ने कहा, ‘मेरे लिए मंत्री पद जरूरी नहीं है। मेरे लिए मेरी जनता का समर्थन जरूरी है। जीतने के बाद मैं जब लोगों के बीच आया तो उन्होंने मुझे बहुत डांटा। उन्होंने कहा कि इस पार्टी में शामिल होने से पहले मुझे मालूम होना चाहिए थी कि ये दलित विरोधी पार्टी है। लोगों ने कहा था कि मुझे इस पार्टी में शामिल नहीं होना चाहिए। ये जनता की अपेक्षा थी कि मुझे पद दिया जाए। आप लोग ही बताइए कि ये कैसा न्याय है, या अन्याय है?

जिगाजिनागी ने अपने बयान में आगे कहा, पूरे दक्षिण भारत में दलित नेता के रूप में मैं अकेला जीत कर आया। अब तक 7 चुनाव जीता हूं। सभी अपर कास्ट वाले मंत्री बने। इसका मतलब क्या यह है कि दलितों ने BJP को वोट नहीं किया? मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ कि इस फैसले से मुझे बहुत पीड़ा हुई है।’ बता दें कि जिगाजिनागी ने अपना पहला लोकसभा चुनाव 1998 में लोक शक्ति पार्टी के टिकट पर जीता था। उसके बाद से वह लगातार 7 बार संसद में पहुंच चुके हैं। 1983 में उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था और आगे चलकर 3 बार विधायक भी रहे थे।

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