अब हर मौसम में हाई स्पीड इंटरनेट, तार और टॉवर का झंझट भी होगा खत्म, जियो सैटेलाइट सर्विस को मिली मंजूरी

नई दिल्‍ली। अब हर मौसम में हाई स्पीड इंटरनेट, तार और टॉवर का झंझट भी होगा खत्म होने वाला है क्‍योंकि केंद्र सरकार ने जियो सैटेलाइट सर्विस को मंजूरी दे दी है। यह लजम्बर्ग बेस्ड एसईएस का एक ज्वाइंट वेंचर है, जो गीगाबाइट फाइबर इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराता है। जल्द भारत में सीधे सैटेलाइट से हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस ऑफर की जाएगी। सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस में एलन मस्क की स्टारलिंक सर्विस का नाम सबसे आगे आता है, लेकिन जियो को मिली मंजूरी के बाद स्टारलिंक का भारत को लेकर सपना टूट सकता है। पिछले साल सरकार ने यूटेलसैट की भारती एंटरप्राइजेज बैक्ड वन वेब को मंजूरी दी थी।

यह एक सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस है, जिसे इस साल अप्रैल में दिल्ली में आयोजित मोबाइल इंडिया कांग्रेस में शोकेस किया गया था। इस सैटेलाइट सर्विस में तार या टॉवर का झंझट नहीं होता है। जियो स्पेसफाइबर टेक्नोलॉजी बेहद सिंपल है। इसमें एक रिसीवर होता है, जिसे घर ऑफिस या कार कहीं भी लगाकर इंटरनेट सीधे सैटेलाइट से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह रिसीवर अलग-अलग साइज में आता है, जिसे यूजर्स पर्सनल और कॉमर्शियल यूज के हिसाब से लगा सकते हैं।

इस सर्विस को गुजरात के गिर नेशनल पार्क, छत्तीसगढ़ के कोरबा,उड़ीसा के नबरंगपुर और असम के ओएनजीसी-जोरहाट में लाइव किया गया है। हालांकि सरकार की मंजूरी के बाद इसे आम यूजर्स और कॉरपोरेट के लिए रोलआउट किया जा सकता है। कंपनी के दावे की मानें, तो सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस से 1जीबीपीएस की स्पीड मिल सकती है। हालांकि एक कनेक्शन के कई डिवाइस को कनेक्ट करने पर स्पीड कम हो सकती है।