पीएम मोदी ने कहा, अल्पसंख्यकों के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा, पर विशेष नागरिक की धारणा कबूल नहीं
नई दिल्ली। अल्पसंख्यकों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना मंतव्य साफ किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि कभी भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ कुछ नहीं कहा है और भाजपा ने कभी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। रविवार को इस इंटरव्यू में मोदी ने विपक्ष के इस दावे के बीच अपना रुख स्पष्ट किया कि उनके चुनावी भाषण विभाजनकारी और ध्रुवीकरण करने वाले होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, हम किसी को भी विशेष नागरिक के रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं, बल्कि सभी को समान मानते हैं। उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विपक्षी दलों ने उनके प्रशासन की नीतियों और बयानबाजी की आलोचना तेज कर दी है।
मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि वे किसी भी समूह को विशेष नागरिक नहीं मानते। उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर अल्पसंख्यकों को खुश करने के उद्देश्य से वोट बैंक की राजनीति में शामिल होकर संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। मोदी ने कहा, मैंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है। मैं केवल कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ बोल रहा हूं। कांग्रेस संविधान के खिलाफ काम कर रही है, यही मैं कहता रहा हूं। प्रधानमंत्री ने भारत के संविधान निर्माताओं का हवाला दिया, जिनमें बीआर अंबेडकर और जवाहरलाल नेहरू शामिल हैं, जिन्होंने धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ फैसला किया था। मोदी ने कहा, अब आप उससे मुंह मोड़ रहे हैं। उन्हें बेनकाब करना मेरी जिम्मेदारी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान सभा में भाजपा का कोई सदस्य नहीं था, उस सभा में देश भर के प्रतिष्ठित लोग शामिल थे।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी अपने भाषणों में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है, तो मोदी ने दोहराया, भाजपा कभी भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रही है। आज ही नहीं, बल्कि कभी नहीं। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने दृष्टिकोण की तुलना करते हुए कहा, मैं संतुष्टि के मार्ग पर चलता हूं। वो लोग तुष्टीकरण के रास्ते पर चलते हैं, मैं संतुष्टि के रास्ते पर चलता हूं। पी एम मोदी ने अपने राजनीतिक दर्शन के बारे में बताया, जिसे उन्होंने समावेशी और विकासोन्मुखी बताया। उन्होंने कहा, उनकी राजनीति तुष्टीकरण की है। मेरी राजनीति सबका साथ सबका विकास की है। हम सर्व धर्म समभाव में विश्वास करते हैं। हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं।