RBI ने जारी किए चौंकाने वाले आंकड़े, ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड के मामलों में 400 फीसदी तक की बढ़ोतरी
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नई दिल्ली। आरबीआई का मानना है कि भारत में डिजिटल पेमेंट फ्रॉड की घटनाओं में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है। इस मामले को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने चौंकाने वाले आंकड़े जारी किए हैं। रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड के मामलों में पांच गुना बढ़ोतरी हुई है। पिछले वित्त वर्ष में साइबर अपराधियों ने लोगों से 14.57 बिलियन (1457 करोड़ रुपये) की ठगी की।
भारत में UPI सेवा 8 साल पहले यानी 2016 में शुरू की गई थी। इसकी शुरुआत के बाद से भारत डिजिटल भुगतान के मामले में एक पावरहाउस के रूप में उभरा है। UPI के ज़रिए यूज़र अपने मोबाइल फ़ोन से तुरंत पैसे का लेन-देन कर सकते हैं। RBI की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो सालों में UPI के ज़रिए भुगतान में 137 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। भारत में UPI के ज़रिए 200 ट्रिलियन रुपये का लेन-देन किया गया है, जो एक रिकॉर्ड है।
सस्ते इंटरनेट के प्रचलन ने डिजिटल भुगतान में तेज़ी से वृद्धि की है। हालाँकि, डिजिटल भुगतान की लोकप्रियता ने भारत में लाखों उपयोगकर्ताओं को साइबर धोखाधड़ी के लिए अतिसंवेदनशील बना दिया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय साक्षरता की कमी और तकनीक के बारे में अपर्याप्त ज्ञान साइबर अपराधियों के लिए व्यक्तियों को निशाना बनाना आसान बना रहा है। हालाँकि सरकार और रिजर्व बैंक जागरूकता अभियान चला रहे हैं, लेकिन साइबर अपराध के मामलों की संख्या में वृद्धि जारी है। साइबर अपराधी विशेष रूप से सीमित तकनीकी ज्ञान वाले व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं, जो आसानी से उनके जाल में फंस जाते हैं और ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बन जाते हैं।
ऑनलाइन भुगतान में ये ध्यान रखें
ऑनलाइन भुगतान करते समय अपने कार्ड और बैंक खाते के विवरण सहित अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें। अपने फोन पर प्राप्त ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) या गुप्त कोड किसी के साथ साझा न करें। अज्ञात नंबरों से आने वाली कॉल या संदेशों पर ध्यान न दें। उपहार या पुरस्कार का वादा करने वाले कॉल को अनदेखा करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें। ईमेल या एसएमएस के माध्यम से प्राप्त किसी भी लिंक पर गलती से भी क्लिक करने से बचें।